जिंदगी के लम्हें by अल्का ठाकुर

मुझे बचपन से ही कहानियाँ लिखने का शौक रहा है। मेरी दो कहानियाँ पेपरबैक और ई-बुक फॉर्मेट (मैं हारूंगी नहीं – कुमुदः लाइफ ऑफ स्ट्रगल) में प्रकाशित हुई हैं, जो अमेज़न, फ्लिपकार्ट, किंडल और गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है। मैं कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर कहानियां भी लिखता हूं, जिनमें से मुझे “किसान की जंग” के लिए एक प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया है और स्टोरीमिरर पर संकलन में कुछ छोटी कहानियों और कविताओं को प्रकाशित करने के लिए चुना गया है।

Description

मुझे बचपन से ही कहानियाँ लिखने का शौक रहा है। मेरी दो कहानियाँ पेपरबैक और ई-बुक फॉर्मेट (मैं हारूंगी नहीं – कुमुदः लाइफ ऑफ स्ट्रगल) में प्रकाशित हुई हैं, जो अमेज़न, फ्लिपकार्ट, किंडल और गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है। मैं कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर कहानियां भी लिखता हूं, जिनमें से मुझे “किसान की जंग” के लिए एक प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया है और स्टोरीमिरर पर संकलन में कुछ छोटी कहानियों और कविताओं को प्रकाशित करने के लिए चुना गया है।
जिंदगी के लम्हों को शब्दों में सजाने की छोटी सी कोशिश हैं। जिनमे जिंदगी के हर उन लम्हों को कविता के रूप में इस पुस्तक में प्रस्तुत किया गया हैं जिन्हें हम और आप महसूस करते हैं । लफ्ज़ इतने नहीं हैं बाकी की बयाँ में कर पाऊं ! चाहत इतनी की आपके दिलो में मेरी ये कविताएं रह जाए !

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