रंगों का संवाद by डॉ राम शरण सेठ

प्रस्तुत काव्य संग्रह रंगों के माध्यम से हमारे और आपके जीवन में रंग भी चुप रहकर सब कुछ कह जाते हैं चाहे वह बात कोध की हो यह पसलता को रंगों की भाषा भी अनमोल होती है जिस तरह पानी का रंग होता है वह हर किसी में मिलकर उसी रंग में रंग जाती है और अपना रख छोड़कर पर को अपना लेती है उसी प्रकार इस काव्य संग्रह में आने वाले पद्म पाठक और श्रोताओं को एक नई एहसास संकल्पना और नव विचार की ओर ले जाएंगे तथा संग्रह में आने वाले गीत विभिन्न रंगों के माध्यम से हमारे और आपके बीच में किस प्रकार से संवाद करेंगे इसके बारे में भी बताएगी…

Description

नाम- डॉ राम शरण सेठ,
जन्मतिथि- 01-02-1987
पिता -श्री शिवधारी, श्रीमती शिवकुमारी, पत्नी -श्रीमती सुनीता पवका-डायट फिरोजाबाद
प्रकाशित काव्य संग्रह समय के रंग, गुब्बारे (बाल काव्य संगह), समय-कुरामय, जीवन एक जिज्ञासा, इन्द्रधनुष और मिट्टी को महका
प्रस्तुत काव्य संग्रह रंगों के माध्यम से हमारे और आपके जीवन में रंग भी चुप रहकर सब कुछ कह जाते हैं चाहे वह बात कोध की हो यह पसलता को रंगों की भाषा भी अनमोल होती है जिस तरह पानी का रंग होता है वह हर किसी में मिलकर उसी रंग में रंग जाती है और अपना रख छोड़कर पर को अपना लेती है उसी प्रकार इस काव्य संग्रह में आने वाले पद्म पाठक और श्रोताओं को एक नई एहसास संकल्पना और नव विचार की ओर ले जाएंगे तथा संग्रह में आने वाले गीत विभिन्न रंगों के माध्यम से हमारे और आपके बीच में किस प्रकार से संवाद करेंगे इसके बारे में भी बताएगी…

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