HEERA SHANMUGHAM successfully participated in the Letter Writing Competition Organised By SGSH Publication.

स्तल |
दिनांक |

मेरे प्रिय हीरा…..
बहुत साल के बाद मैं तुम्हारे लिए ये चिट्टी लिखती हूँ |तुम कैसे हो….? अब मैं तुम्हारे बारे में सोचकर बहुत चिंतित हूँ |सबसे पहले मैं तुम से माफ़ी मांगती हूँ |

मैं कभी तुम्हारे बारे में सोचती भी नहीं थी | क्या तुम ने कुछ खाया है…? तुम्हारी तबीयत ठीक है या नहीं….|तुम्हे किसी चीज़ की ज़रुरत है…?ऐसी बातों में मैं कभी भी ध्यान नहीं दी थी | इसमें मुछे अब बहुत दुःख है |

मैं हमेशा अपनी आसपास के लोगों की ओर ध्यान देती थी |अपनी पति… माँ बाप… बाल बच्चे….. आदी प्रिय जनों के बारे में ध्यान देकर तुम्हारी ओर मुड़कर भी नहीं देखा |
अब मुछे मालूम हुवा कि ज़िन्दगी में मैं किन किन लोगों के लिए जी रही थी…. वे लोग मेरी ध्यान देखती ही नहीं | अब मैं समछती हूँ कि जिंदिगी में तेरे आलावा मुछे और कोई नहीं होगी |

आज से मैं सिर्फ तुम्हारे लिए ही जीऊँगी | तुम्हे क्या क्या क्या पसंद है… तुम क्या खाना चाहती है ..किधर जाना चाहती है… किसको मिलना चाहती है …. इन बातों पर ध्यान देकर मैं तुम्हें प्यार करूंगी |सिर्फ तुम्हें. ये मेरी वादा है.
खुदाकी कसम खाकर
बोलती हूँ मैं |लगता है कि अब बहुत देर हो चुकी है|
न जाने कितने दिन
बाकि है इस ज़िन्दगी मैं | शायद एक ही पल बाकि होगा तो उस पल मैं सिर्फ तेरे लिए जीऊँगी |
तुम्हारे बाल सफेद हो चुकी है | चेहरा भी बदल चुकी है बूढ़ेपन से |लेकिन ये बात मैंने अब आईना देखने तक नहीं समछ ली थी | मैं तुछसे माफ़ी मांगती हूँ|मुछे माफ करो |

आज से लेकर
और कोई नहीं होगा मेरी
ज़िन्दगी में |मैं तुम्हे इतना प्यार करूंगी कि इस दुनिया मैं और कोई व्यक्ति और किसी से जितना प्यार नहीं किया होगा |आज से तू ही मेरा दिल का हीरा है |

बहुत प्यार से सिर्फ तुम्हारा हीरा |

हीरा (नाम )
हसस्ताक्षर.

 

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