Description
ये लेखक की छटी सोलो किताब है। इसे लेखक ने हिमाचल प्रदेश योनि उसकी मातृभूमि को समर्पित किया है। हर रोज लेखक अपने वरामदे में मोबाइल हाथ में लेकर बैठता था।और वो हिमाचल प्रदेश की वादियों से प्रभावित होता था।फिर जो शब्द जहन में आते थे। उन्हें उकेर देता था। इसमें संक्षेप में हर जिले के बारे में लिखा है। उम्मीद है। आप सबको पसंद आएगा। आप अब और आगे भी मेरी होंसला वदाई करते रहेंगे।इस किताब का शीर्षक “ प्रकृति प्रसन्नचित्त” है।
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