आशियाना परिंदा by प्रिंस आगा आस्मा

हजारों पन्नों में लिखूं दर्द इश्क में जो मिला… सब आए सब गए मगर यह दर्द रह गया !! और इसी दर्द को भरने के लिए मैंने इस अद्भुत पुस्तक में अपने दिल की बात साझा की है!!

Description

हजारों पन्नों में लिखूं दर्द इश्क में जो मिला… सब आए सब गए मगर यह दर्द रह गया !! और इसी दर्द को भरने के लिए मैंने इस अद्भुत पुस्तक में अपने दिल की बात साझा की है!! पारिवारिक संबंध माता का प्यार पिता का प्यार भाई का प्यार बहन का प्यार सारे रिश्तेदारों का प्यार साथ साथ में वफा का प्यार जो बेवफा बन गई !! आप सब आपका बहुत-बहुत धन्यवाद मेरे इस पुस्तक को पढ़ने के लिए आशा करता हूं कि मेरी यह पुस्तक आपके कुछ काम आए !!! जमाने को दर्द पसंद है जमाने को दर्द मिलेगा और इस पुस्तक की खास बात यह है कि इसमें सब मिलेगा !!

 

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