Description
कुछ यूंही चंद बातें जो मैं इस किताब में लिखकर आपके लिए परोस रहा हूं। मुझे नहीं पता मैं कैसा लिखता हूं। आपको पसंद आएगा भी या नहीं। मगर मुझे सुकून बहुत मिलता है, जब भी मैं कुछ लिखता हूं। और सबसे ज्यादा ख़ुशी मुझे तब होती है, जब कोई आप जैसा पाठक मेरी किताब को पढ़े और फिर मुझसे उसके बारे में चर्चा करे, समीक्षा लिखें। मैं हमेशा सोचता हूं कि लिखता रहूं, कुछ यूंही चंद बातें और परोसता रहूं आपको, नई-नई किताबों के नए नए पत्रों पर। बाकी जो भी मुझे इस किताब मैं आपके लिए परोसना था, मैंने परोसा। किताब आपको अच्छी बुरी जैसी भी लगे बताइएगा।
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