Description
यह मेरी पहली पुस्तक है। इस पुस्तक में लिखी गई सभी कविताएँ मेरी अपनी हैं और ये सिर्फ मेरी कल्पना मात्र हैं। इसलिए ही इसका नाम मैंने ‘कल्पनासृष्टि’ रखा है, क्योंकि इसका मतलब होता है कल्पना द्वारा रचित संसार। मेरी कविताएँ मेरे मन की उपज ही हैं।
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