कविता का बाप by राजेंद्र कुमार पाठक

“कविता का बाप”, एक कविता संग्रह है जिसमें मुख्य कविता के अलावा कवि की हिंदी, भोजपुरी और मगही भाषा की अन्य कई कविताएं शामिल हैं। इस कविता संग्रह में विभिन्न विषयों की कविताएं शामिल है। शामिल की गई कविताएं वैसे तो कई विषयों पर है पर विशेषकर कविता, कवि और कवित्व पर कविताएं कवि ने लिखीं हैं।

Description

“कविता का बाप”, एक कविता संग्रह है जिसमें मुख्य कविता के अलावा कवि की हिंदी, भोजपुरी और मगही भाषा की अन्य कई कविताएं शामिल हैं। इस कविता संग्रह में विभिन्न विषयों की कविताएं शामिल है। शामिल की गई कविताएं वैसे तो कई विषयों पर है पर विशेषकर कविता, कवि और कवित्व पर कविताएं कवि ने लिखीं हैं। भोजपुरी भाषा के ठेठ और मगही के मार्मिक मामलों पर कविताएं इस संग्रह में हैं। कविताओं के इस संग्रह में तुकांत और अनुकांत दोनों प्रकार शामिल हैं। इस कविता संग्रह के माध्यम से जमीनी विषयों पर जायज कवित्व के माध्यम से जन जागरूकता की गई है। तीन बोलियों की कविताएं एक किताब में होना इस काव्य संग्रह की विशेषता है।

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