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कृषि उत्पादन एवं जनांकिकीय के पोषण स्तर की प्रवृत्तियां (उदयपुर जिले में गिर्वा तहसील का एक भौगोलिक अध्ययन)

Description

कृषि मानव द्वारा किया जाने वाला प्राथमिक क्रियाकलाप है और आदिम युग से ही मानव कृषि क्रियाओं में संलग्न रहा है। भोजन प्राप्ति हेतू कृषि प्रमुख क्रिया में से एक है। भोजन मानव की मूलभुत आवश्यकताओं में सर्वाधिक महत्व रखता है साथ ही इसमें उपलब्ध पौष्टिक तत्वों से ही मानव को ऊर्जा प्राप्त होती है। उत्तम स्वास्थ्य हेतू आवश्यक है कि मानव को उचित मात्रा में ग्रहण किये जाने वाले भोज्य पदार्थों में पौष्टिक तत्व प्राप्त हो। यदि भोज्य पदार्थों में पौष्टिक तत्व की कमी आती है तो परिणामस्वरूप इसका प्रभाव मानव स्वास्थ्य पर दृष्टिगोचर होता है उसकी कार्यक्षमता में कमी आती है। इसका प्रत्यक्ष प्रभाव उस राष्ट्र की आर्थिक तथा सांस्कृतिक पक्षों पर पड़ता है। अतः विश्व स्तर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन व राष्ट्र स्तर पर सरकार ने विभिन्न पोषण संबधित कार्यक्रमों का संचालन समय-समय पर किया है।
इस पुस्तक में उदयपुर जिले की गिर्वा तहसील का कृषि उत्पादों का जनसंख्या में आये पोषक तत्वों की कमी व वृद्धि का विवरण किया गया है एवं उक्त परिवर्तन से मानव स्वास्थ्य व पोषण स्तर को स्पष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है एवं कृषि विकास के साथ-साथ मानव पोषण स्तर के अग्रिम संकेत और विभिन्न पहलुओं का विवेचन करते हुए मानव पोषण स्तर सम्बन्धी एवं कृषि भूमि उपयोग प्रारूप सम्बन्धी समस्याओं व कठिनाइयों को व्यक्त करने का प्रयास किया गया है साथ ही इनके निवारण हेतु स्थायी युक्तियों को भी विवेचित किया गया है।

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