Description
क्षेत्रज्ञ..?! हमारा, अन्य प्राणियों, वनस्पति, जगत ,ब्रह्मण्ड, महाब्रहांड आदि का ‘ ज्ञ ‘ है ,जानने वाला है – जो वह ही क्षेत्रज्ञ है। जीव से लेकर जीवात्मा तक,आत्मा से लेकर ब्रह्म तक…और आगे भी अनन्त तक!! हर स्तर पर,हर कण पर, हर बिंदु पर वह ही अनन्त स्तरों, अनन्त तरीकों से कार्य कर रहा। वह ही ज्ञान है , वह ही प्रेम है। गीता के विराट रूप पर चिंतन – मनन ने हमारी समझ व अहसास की दुनिया को बदला है।जो इन दस वर्षों में मेरे अंदर/अंडर घटित हुआ है ,काश वह किशोरावस्था अवस्था में घटित हुआ होता?लेकिन बीज तो उसके किशोरावस्था में ही अंकुरित हो गये थे।हालांकि हमें दुःख है कि आज का विद्यार्थी जीवन ब्रह्मचर्य आश्रम नहीं रह गया है।
अभी कुछ वर्ष पहले हमारा एक शिष्य #आशीषविसु उत्तरप्रदेश साइकिल यात्रा पर निकला था। जिसका उद्देश्य था – पर्यावरण अंसतुलन व मानव समाज में अनेक समस्याओं पर समाधान हेतु जागरूकता के लिए जनता को आकर्षित करना। मित्र भोजपुरी फिल्मों में एक्टर, निर्माता राज वर्मा आदि सहित अनेक लोग अपने स्तर पर कार्य कर रहे हैं। नेचर ही अनेक स्तर पर प्रत्यक्ष -अप्रत्यक्ष कार्य कर रही है।हमें अपने पर नाज है कि शाहजहांपुर जनपद में बाबूजी महाराज द्वारा शुरू किए गये – ‘ खामोश रूहानी मिशन ‘ में हम एक मामूली से अभ्यासी होकर कार्य कर रहे हैं।मानवता, प्रकृति अभियान, ईश्वरता की नजर में अपना चरित्र गढ़ने के लिए हमसब को निरंतर अभ्यास में रहने की जरूरत है।हमारे देह में जो क्षेत्रज्ञ है, उसको अवसर दे उसे उजागर होना आवश्यक है।
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