जगत ‘सेतु by टीकाराम लोधी ‘सहज’ और माधुरी लोधी

पुस्तक का शीर्षक विष्णु सहस्त्रनाम से लिया गया है. जगत सेतु । जिसका अर्थ लोकों के पारस्परिक असंभेद के लिए इनको धारण करने वाला सेतु या बांध। यह पुस्तक संसार के लोगों लिए एक बांध का काम करेंगे। इस पुस्तक में रामसेतु का कबर चित्र लिया गया है!

Description

पुस्तक का शीर्षक विष्णु सहस्त्रनाम से लिया गया है. जगत सेतु । जिसका अर्थ लोकों के पारस्परिक असंभेद के लिए इनको धारण करने वाला सेतु या बांध। यह पुस्तक संसार के लोगों लिए एक बांध का काम करेंगे। इस पुस्तक में रामसेतु का कबर चित्र लिया गया हैपुस्तक का शीर्षक विष्णु सहस्त्रनाम से लिया गया है. जगत सेतु । जिसका अर्थ लोकों के पारस्परिक असंभेद के लिए इनको धारण करने वाला सेतु या बांध। यह पुस्तक संसार के लोगों लिए एक बांध का काम करेंगे। इस पुस्तक में रामसेतु का कबर चित्र लिया गया है जो यह दर्शाता है व्यक्ति ठान ले तो कठिन समय में संयम से काम ले कर असंभव कार्य को भी संभव किया जा सकता है लेखक का मुख्य उद्देश अपने अनुभव जीवन में कार्य करते हुई जो परिणाम एवं सफलता, जिन छोटी-छोटी आदतों और कुछ कार्य प्राप्त की हैं उन्हें सबके साथ साझा करना है यह पुस्तक हर एक व्यक्ति के जीवन में एक दिशा एवं दशा बदलने में मददगार होगी, मेरा ऐसा मानना है। मैंने जीवन की छोटी-छोटी चीजों के बारे में वर्णन किया है जो है तो छोटी लेकिन अपने जीवन में बहुत बड़ा प्रभाव रखती हैं। मेरे लेखों में मुख्य रूप से मन, मस्तिक, ईश्वर, माता-पिता, पर्यावरण तथा कुछ सामाजिक मुद्दे और मान्यताओं का वर्णन किया गया है और काफी प्रभावशाली

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