Description
मैं अर्पणा दुबे बचपन से ही कविता पढ़ने का शोक था स्कूल से कॉलेज के सफर में बहुत सी कविता पढ़ी सुभद्रा कुमारी चोहन निराला जी बहुत से महान साहित्यिक मनीषियों की जीवनी लेखनी से प्रेरित हो लिखने का शोक हुवा। कई वर्षों से लिखती रही हूं बहुत से अखबार और पत्त्रिक में मेरी रचनाएं छपतीरहती है । मंचो पर भी काव्य पाठ किया । श्रृंगार की कवियत्री की रूप में जानी जाती हूं। मैं हर रस में लिख लेती हू लेकिन श्रृंगार रस पर ज्यादा लिखती हूं। यह पुस्तक मेरी कविताओं का मिलजुला संग्रह है लेकिन श्रृंगार रस को ज्यादा लिखा गया है ।ये श्रृंगार रस की अच्छी श्रृंखला को लेकर आपके मन को छू जाएगी ।
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