Description
मानव विकास क्यों न धरती के सागरों, वायु मंडल का सीना चीर आगे बढ़कर मंगल पर पहुंचने वाला हो लेकिन स्त्री स्त्रैणता की स्वतंत्र उड़ान को तत्पर पंख कटे नहीं तो बंधे जरूर हैं। आबोदाना की महक में अंतरतम की रोशनी अभी अनन्त उड़ान की चाहत में तड़फ रही है।
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