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मेरी प्रिय कहानियां

Description

डॉ. रंजू मिश्रा जी का जीवन और उनके साहित्यिक योगदान काफी प्रेरणादायक है। उनका जन्म 7 जुलाई 1977 को छत्तीसगढ़ के बिश्रामपुर शहर में हआ। उनके पिता सरकारी नौकरी में अभियंता के पद पर थे और अब वे रिटायर्ड हैं। डॉ. मिश्रा ने हाई स्कूल की शिक्षा हिंदी माध्यम से प्राप्त की और उन्हें साहित्य के प्रति रुचि की प्रारंभिक प्रेरणा मिली।

उन्होंने छत्तीसगढ़ से बीए, एमए, बीएड, एमफिल, और पीएचडी की डिग्री की हैं, जिन्हें सी वी रमन महाविद्यालय कोटा से प्राप्त किया गया। उन्होंने इसके साथ ही एक स्कूल में अध्यापन का कार्य भी किया है।

डॉ. मिश्रा की रुचि कविता और कहानी लेखन में अत्यधिक रही है। उन्होंने हिंदी, अंग्रेजी, और छत्तीसगढ़ी भाषा में लेखन किया है। उन्हें कला और प्रकृति से भी गहरा लगाव है।

उनके लेखन कार्य में ‘एक कप चाय’, ‘महिला कुली’, ‘गोद भराई’, ‘जेठानी देवरानी, आदि काव्य संग्रह और कहानियाँ शामिल हैं। उनके कविता संग्रह भी प्रसिद्ध हैं।

डॉ. रंज मिश्रा जी का साहित्यिक योगदान समाज की साहित्यिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से बोध कराता है और उन्हें एक प्रतिभाशाली और समृद्ध साहित्यकार के रूप में माना जाता है।

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