Description
जैसे-जैसे सामाजिक दायरा बढ़ता गया, जिम्मेदारियाँ भी बढ़ती गईं। समाज में बुजुर्गों की स्थिति देखकर मन दुखी होता रहा, और एक दिन बुजुर्गों पर कई कहानियाँ लिख डालीं। इनमें से कुछ कहानियाँ प्रवासी भारतीयों पर आधारित हैं, जिनके बच्चे विदेश में रहते हैं। मुझे उम्मीद है कि ये कहानियाँ पाठकों द्वारा पसंद की जाएँगी।
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