लाल रात by महबूब and श्याम मिश्रा

‘लाल रात’ नामक कहानी संकलन में लेखक ने समाज के भीतर विद्यमान समस्याओं को आधार बना कर नौ कहानियां लिखी है।

इसमें विविधता है, व्यापकता है। समाज के भीतर विद्यमान समस्याओं को मुखरित किया गया है कहानियों को पढ़ते समय बार बार पाठक ठहर जाता है। वह सोचने पर विवश होता है कि इन समस्याओं का समाधान कैसे किया जाए।

Description

‘लाल रात’ नामक कहानी संकलन में लेखक ने समाज के भीतर विद्यमान समस्याओं को आधार बना कर नौ कहानियां लिखी है।

इसमें विविधता है, व्यापकता है। समाज के भीतर विद्यमान समस्याओं को मुखरित किया गया है कहानियों को पढ़ते समय बार बार पाठक ठहर जाता है। वह सोचने पर विवश होता है कि इन समस्याओं का समाधान कैसे किया जाए।

मध्यवर्गीय समाज जिस समस्याओं से ग्रस्त है उन सभी को इस कहानी संग्रह में स्थान दिया है। इस कहानी संग्रह के सभी कहानियों में विविधता है और हर कहानी वर्तमान समय के परिवेश से जुड़ा हुआ है। इन्हीं नो कहानियों में से एक कहानी लाल रात है जिसके नाम पर इस कहानी संग्रह का नाम लाल रात रखा गया है यह शीर्षक सार्थक है।

-महबूब सयाम श्र

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