Description
“वसन्तोत्सव जीवन के” (कुंडलियां संग्रह) पुस्तक के रचनाकार, कवि – श्री महेश ‘अमन’ जी एक ‘कलाकार’ हैं ; और कलाकार की मनोवृत्ति अन्तर्मुखी होती है ! ऐसा व्यक्ति अत्यधिक संवेदनशील होता है ; और सम्मान, शक्ति, ,सम्पत्ति, यश और प्रेम प्राप्ति की चाहत रखता है , किन्तु इन परितुष्टियों की अ-प्राप्ति पर वह अपनी अभिरूचि को रम्य-कल्पना और इच्छाओं की सृष्टि की ओर लगा देता है ! चुंकि , कलाकार अधिकतर अपनी शक्तियों के आंशिक निरोध से तथा मनस्ताप से ग्रस्त रहता है और सम्भवत: उसकी संरचना उदात्तीकरण की सबल शक्ति होती है , इसलिए उसकी वही रहस्यात्मक योग्यता उसकी विशिष्ट सामग्री की कल्पना विचारों में ढाल देती है !
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