Description
पोस्टमार्टम के इतिहास में यह पहला केस था। मौत ज़हर से हुई थी। लेकिन ज़हर किसका था ? ज़हर पानी में, दूध में या किस लिक्विड में मिलाया गया था ? ज़हर शरीर में कैसे आया? ज़हर शरीर में कितने बजे आया ? ये कुछ सवाल मुंबई की पोस्टमार्टम टीम को बार बार कचोट रहे थे। पोस्टमार्टम टीम ने हथियार डाल दिए थे मगर ज़हर का राज़ नहीं जान पाई तो नहीं जान पाई। साइंस की दुनिया में यह बहुत ही चौकाने वाली बात थी। बड़े बड़े एक्सपर्ट आए। मगर सवाल अब भी मुंह बांए खड़ा था कि ज़हर किसका था? ज़हर शरीर में आया कैसे? आया तो कितने बजे ? कातिल है कौन? क्या ये केस कभी सुलझ पाया या फिर बंद फाइलों की धूल में शामिल हो गया ?
पेश है एक नया धमाकेदार रहस्यमय उपन्यास जो दिमाग के चीथड़े उड़ा देगा।
Reviews
There are no reviews yet.