Description
” ना ब्याह का मंडप सजा था…. ना अग्नि की वेदी बनी थी….ना पंडित के मन्त्रों का शोर था…. ना बारातियों की हलचल… पर हाँ दुल्हन जरूर सजी सँवरी थी अपने पिया के चौखट जाने के लिए….। यही है उनकी कहानी का आधार जिस पर पूरी कहानी लिखी गई है । बेइंतहा प्रेम और नफरत के बीच खड़ी हमारे अहम किरदार ” चारु ” की कहानी है।
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