लेखक जो वर्तमान में राजस्थान पुलिस में उप पुलिस अधीक्षक के पद पर कार्यरत हैं, टोंक जिले के निवाई कस्बे से ताल्लुक रखते हैं जो लगातार 28 वर्षों से पुलिस सेवा में योगदान दे रहे हैं, जिसमें उन्होने पुलिस उप निरीक्षक के रूप में अपने कैरियर की शुरुआत की तथा वर्तमान में उप पुलिस अधीक्षक हैं। अपनी नौकरी के दौरान उन्होनें कभी अपने विचारों को एक किताब में नहीं लिखा मात्र शौकिया लिखते थे। किन्तु अपनी रचनाओं को बचपन से संकलित करते रहे हैं।
लेखक को लेखन का शौक था, लेकिन वह कभी अपने शब्दों को कागज पर उतार कर प्रकाशित करवाने का समय नहीं निकाल पाए, विवाह की 25 वीं वर्षगांठ के अवसर पर उन्होनें अपनी पत्नी को एक ऐसा तोहफा देनें का निर्णय लिया, जो पैसों से नहीं बल्कि उनके जीवन के अनुभवों और शब्दों से जुड़ा हुआ हो। उन्होनें अपना समय और उर्जा अपने विचारों को शब्दों में ढालने में लगाई। उन्होनें अपनी जिन्दगी के अनुभवों को काव्य के रूप में लिखा और उन्हें अपनी पत्नी श्रीमती मनोरमा को उपहार स्वरूप समर्पित किया।
यह पुस्तक उनके जीवन के अनमोल क्षणों का संकलन है, जो उन्होनें अपनी पत्नी के लिये जिया और महसूस किया। लेखक ने अपने जीवन की कड़ी मेहनत, सेवा और परिवार के प्रति प्यार को शब्दों में बांधकर एक विशेष तोहफा पेश किया है, जो हर किसी को प्रेरित करता है।
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