“रीत-रेवाज” में संकलित कलाधर रचित कहनीमन आपन कथ्य आउर शैली कर हिसाब से कटिक फरक बुझायेंना। ई कहनीमन कथा संगे छोटानागपुरी संस्कृति कर कोनो नी कोनी ऐतिहासिक इया सामाजिक रूप के हों प्रस्तुत करेंना। कुछ कहनीमन शिष्ट हास्य के प्रस्तुत करेंना, जेकर नागपुरी कहनीमन में कमी पावल जायला। सोबे कहनी रोचकता, शिल्प आउर भासा-शैली कर हिसाब से बहुत सुंदर बइन हैं।
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