प्रस्तुत रचना वो विस्तृत कहानियों त्रासदी और बेकसूर का संगम है। त्रासदी जहां इस सदी की विकट महामारी कोरोना (कोविड-19) पर आधारित है, तो वहीं बेकसूर का संबंध अपराध की दुनिया से है। कमोबेश इन दोनों कहानियों के पात्र आपको अपने आसपास के लगेंगे। दोनों कहानियां आम जनमानस से जुड़ी हैं। मुझे विश्वास है कि जैसे ही आप इन कहानियों के हमसफर बनेंगे, तो इनके पात्र स्वयं या अपने आसपास के लोगों में महसूस करेंगे।
वैसे तो अखबारी जीवन में मैंने हजारों रिपोर्ट लिखी हैं, लेकिन वृहद लेखन में यह मेरा पहला कदम है। आशा है कि आप सभी पाठकों को यह पसंद आएगी। ‘मां’ एवं भगवान शिव के श्रीचरणों में समर्पित यह कहानी संग्रह आप सभी के लिए… हार्दिक धन्यवाद।
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