किसी भी देश की सामर्थ्य का मूल आधार उसकी आर्थिक और सैनिक शक्ति होती है। इन दोनों में भारत विश्व में चौथा स्थान प्राप्त कर चुका है। ऐसे में भारत के हित और भूमिका दोनों में वृद्धि हुई है। भारत की विदेश नीति वसुधैव कुटुंबकम और सार्वभौमिक समानता पर आधारित रही है । बदलते वैश्विक परिदृश्य में भारत की विदेश नीति में उपर्युक्त तत्वों के साथ-साथ कुछ नये तत्वों का भी समावेश हुआ है। वर्तमान में भारत की विदेश नीति रणनीतिक स्वायत्तता, आर्थिक हित और वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर होती दिखाई देती है।
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